केदारनाथ धाम में कपाट बंदी की परंपरागत प्रक्रिया रविवार से प्रारंभ हो गई। भकुंट भैरव की आज्ञा लेने के बाद मंदिर के गर्भगृह में स्थित स्वयंभू शिवलिंग के ऊपर से सोने का छत्र और कलश विधिवत रूप से उतार लिया गया। इससे पूर्व केदारसभा की ओर से भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना संपन्न कराई गई।

सोमवार से भगवान के बिना श्रृंगार की आरती शुरू होगी। यह पारंपरिक प्रक्रिया पंचपंडा रुद्रपुर के हक-हकूकधारियों द्वारा संपन्न की गई। इस दौरान केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री अंकित सेमवाल, अनीत शुक्ला, ब्लॉक प्रमुख पंकज शुक्ला, नवीन शुक्ला, दीपक, हिमांशु और विनोद सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे। इसी के साथ मंदिर को कपाट बंदी से पूर्व तीन क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है।
अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि मंदिर की फूलों से सजावट श्रद्धा और उत्साह के साथ की जा रही है, जिससे कपाट बंद होने से पहले धाम का हर कोना भक्तिमय वातावरण से भर जाए।
