अल्मोड़ा। देघाट क्षेत्र के निवासी गोपाल दत्त के साथ 18 लाख 30 हजार रुपये की साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने 14 अक्टूबर 2025 को राजस्थान के सूरतगढ़ से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना की शुरुआत 5 सितंबर 2025 को हुई, जब पीड़ित गोपाल दत्त ने थाना देघाट में तहरीर दी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को “क्राइम ब्रांच दिल्ली” का अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखने की धमकी दी और 10 दिनों तक डराकर ठगी को अंजाम दिया। अपराधियों ने पीड़ित को बताया कि उनका मोबाइल नंबर एक बैंक धोखाधड़ी मामले में शामिल पाया गया है। उन्हें विश्वास दिलाया गया कि मामला गंभीर है और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लग सकते हैं। डर के माहौल में पीड़ित से उसके बैंक खातों, एफडी और घर के कीमती सामानों की जानकारी ली गई। आरोपियों ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम बताते हुए कहा कि बैंक जाते समय किसी को कुछ न बताएं क्योंकि “सादी वर्दी में पुलिस” निगरानी कर रही है। घबराए गोपाल दत्त ने 27 और 29 अगस्त को कुल ₹18.80 लाख साइबर ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। कुछ दिनों तक पैसे वापस न मिलने पर उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।एफआईआर संख्या 18/2025 थाना देघाट में धारा 61(2)/308(5)/318(4) BNS के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। एसएसपी अल्मोड़ा देवेंद्र पींचा के निर्देश पर एएसपी हरबंस सिंह और सीओ रानीखेत विमल प्रसाद के पर्यवेक्षण में देघाट थाना, एसओजी और साइबर सेल की संयुक्त टीम बनाई गई। निरीक्षक भुवन जोशी (प्रभारी एसओजी) और थानाध्यक्ष अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में टीम ने निरंतर सुरागरसी की। साइबर सेल प्रभारी राहुल राठी की टीम ने तकनीकी जानकारी जुटाकर ठगों का लोकेशन ट्रेस किया। संयुक्त प्रयासों से पुलिस ने राजस्थान के सूरतगढ़ से 24 वर्षीय आरोपी साहिल कुमार, पुत्र कृष्ण कुमार, निवासी वार्ड नं. 14, शिवबाड़ी रोड, श्रीगंगानगर को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

एसएसपी अल्मोड़ा की जनमानस से अपील-
“डिजिटल अरेस्ट” नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया भारत में मौजूद नहीं है। किसी भी संदिग्ध कॉल या व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर विश्वास न करें। ठगी की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें ताकि साइबर टीम आपकी राशि सुरक्षित कर सके।
