
उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल (Himalayan Monal) है, जिसे वैज्ञानिक रूप से Lophophorus impejanus कहा जाता है। इसे दानफे या हिमालयी मोनाल भी कहा जाता है। यह पक्षी अपनी खूबसूरत इंद्रधनुषी रंगों के कारण प्रसिद्ध है और मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है।
मोनाल पक्षी की विशेषताएँ
1. रंग और आकार:नर मोनाल के पंख चमकीले और इंद्रधनुषी रंग के होते हैं, जिसमें नीला, हरा, बैंगनी, लाल और सुनहरा रंग शामिल होता है।मादा मोनाल भूरे रंग की होती है, जिससे वह प्राकृतिक परिवेश में आसानी से छिप सकती है।
2. निवास स्थान:यह पक्षी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल और भूटान के ऊँचे पर्वतीय जंगलों में पाया जाता है।यह प्रायः 2,500 से 4,500 मीटर की ऊँचाई पर घने जंगलों और घास के मैदानों में रहता है।
3. आहार:मोनाल मुख्य रूप से बीज, जड़ें, कंद, कीड़े और छोटे रेंगने वाले जीव खाता है।यह अपनी मजबूत चोंच से जमीन खोदकर भोजन निकालता है।
4. संस्कृति और महत्व:उत्तराखंड में मोनाल को सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।यह पक्षी हिमालय की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।इसका नाम 1982 में उत्तराखंड के राज्य पक्षी के रूप में घोषित किया गया था।
5. संरक्षण स्थिति:मोनाल का शिकार इसके सुंदर पंखों के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे IUCN (International Union for Conservation of Nature) द्वारा “Least Concern” (कम संकटग्रस्त) की श्रेणी में रखा गया है।
भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत इसे संरक्षित किया गया है।
निष्कर्ष मोनाल उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक है। इसके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह सुंदर पक्षी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके।