अल्मोड़ा। मानसून अवधि के दौरान जनपद में हुई प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षतियों का आकलन करने भारत सरकार की टीम आज अल्मोड़ा पहुंची। आपदा के बाद की आवश्यकताओं के आकलन (Post-Disaster Needs Assessment – PDNA) के अंतर्गत जिला सभागार में मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विशेषज्ञ टीम ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुई क्षतियों का विस्तृत मूल्यांकन किया और पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य विकास अधिकारी ने टीम को आपदा के दौरान की स्थिति तथा अब तक किए गए राहत व पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी।
PDNA एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए आपदा से हुई क्षति का सटीक मूल्यांकन कर दीर्घकालिक पुनर्प्राप्ति योजना तैयार की जाती है। भारत सरकार की टीम में डॉ. अजय चौरेसिया (मुख्य वैज्ञानिक, सीबीआरआई), डॉ. मोहित कुमार पुनिया (प्रधान सलाहकार, यूएलएमएमसी), डॉ. महेश शर्मा (उप निदेशक,
हिमाचल विश्वविद्यालय), सार्थक चौधरी और अमित गैरोला (सहायक अभियंता, यूएलएमएमसी) शामिल रहे। टीम ने जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण कर भवनों, सड़कों, पुलों, आवासों और आजीविका से संबंधित क्षतियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया।
इस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ पुनर्निर्माण व पुनर्वास रणनीतियों पर भी विस्तृत विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की जा रही विस्तृत रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी, जिसके माध्यम से दीर्घकालिक पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण की रूपरेखा तय की जाएगी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्रा, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल, विभिन्न कार्यदायी विभागों के अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
