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अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड़ा में गणित विभाग के सभागार में जलवायु परिवर्तन को लेकर बैठक का अयोजन किया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर जोर दिया गया।
जलवायु परिवर्तन के चार दौर गुज़र चुके, यह पांचवां दौर
जलवायु परिवर्तन पर बात करते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चार दौर गुज़र चुके हैं, यह पांचवां दौर है। मानव ने विभिन्न तरीकों से पर्यावरण का दोहन किया है। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं युवाओं को इसके लिए जागृत करना है। यदि युवाओं को जागृत नहीं किया गया तो हमारे प्राकृतिक स्रोतों पर भी भारी संकट आने वाला है। उन्होंने कहा वर्तमान में जलवायु स्थानांतरित हो रही है। वर्षा का चक्र बदल रहा है। इससे सबसे ज्यादा काश्तकार परेशान हैं। क्योंकि जो कृषि के लिए कैलेंडर बना है, उसी के अनुसार कृषक खेती करते हैं, वह भी प्रभावित हो रही है। इस पर भी कार्य करने को आवश्यकता है।
पर्यावरण में हो रहे बदलावों पर चिंता व्यक्त की
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल ने एयरोसोल, रेडिएक्टिव फोर्सिंग एंड क्लाइमेट चेंज इन द नॉर्थ ईस्टर्न इंडियन हिमालया विषय पर पचर्चा करते हुए पर्यावरण में हो रहे बदलावों पर चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने की साथ ही डॉ. नंदन सिंह बिष्ट, डॉ. जेसी कुनियाल आदि मौजूद रहे।