उत्तराखंड में अब जमीनों के भू-उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की प्रक्रिया और अधिक सरल, पारदर्शी व समयबद्ध हो गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर दिया है, जिसके माध्यम से 18 चरणों में पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी। इससे वर्षों तक चलने वाली फाइलों की प्रक्रिया अब छह से बारह महीनों के भीतर पूरी की जा सकेगी।

आवास विभाग द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, राज्य में जमीनों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। 4000 से 10,000 वर्ग मीटर तक के मामलों का निस्तारण प्राधिकरण स्तर पर होगा, जबकि 10,000 से 50,000 वर्ग मीटर तक के मामलों को उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण देखेगा।
50,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों के लिए शासन स्तर पर समिति की स्वीकृति आवश्यक होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि राज्य में भूमि उपयोग से जुड़े मामलों में दक्षता और विश्वास भी बढ़ेगा।
