
विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल ने आज दिनांक 19 अप्रैल को अल्मोड़ा जिला अधिकारी द्वारा बंगाल राज्य में हिन्दू लक्षित हिंसा व राज्य सरकार की अकर्मण्यता एवं निष्फलता पर राष्ट्रपति शासन की माँग के सम्बन्ध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल का कहना है कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में 11 अप्रैल को सम्पूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिन्दूओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। राष्ट्रविरोधी और हिन्दूविरोधी तत्वों को निर्वाध रूप से अपने षड्यंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिन्ताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब सम्पूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाईयों के सामने केवल निष्क्रिय हीं नहीं, अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पूर्व कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए। केन्द्र सरकार को बंगाल प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्रविरोधी व हिन्दू विरोधी तत्वों को उनके कुकमों के लिए कठोरतम सजा दिलवानी आवश्यक है। मुस्लिम भीड़ द्वारा वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किए गए हिंसक प्रदर्शन में हिन्दूओं के 200 से अधिक घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लूटकर जलाया गया। सैकड़ों हिन्दूओं को बुरी तरह घायल किया और तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किये गये। परिणामस्परूप 500 से अधिक हिन्दू परिवारों को मुर्शिदाबाद से मजबूरन पलायन करना पड़ा, जो वर्षा से अपने आवासों में रह रहे थे। साथ ही कहा कि इन नागरिकों की चिन्ता एवं सहायता करने के बजाय ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामों से मिल रहीं हैं, जिनमें सक एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि “अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देगा। अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड़यंत्र रच रही हैं।
आज की बंगाल की स्थिति से स्पष्ट है कि-
1. ममता सरकार संघीय ढांचे को बंगाल में व्वस्त कर, अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है।
2. बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैतियों को निर्वाध रूप से प्रवेश करने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है।
3. हिन्दूओं का अस्तित्व संकट में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्णरूप से समाप्त हो चुकी है। तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुडों के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन कार्य करने के लिए विवश है। आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर सम्पूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है। अब यह बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगी।
इसलिए देश की जनता महोदया से मांग करती है कि-
1. बंगाल में अविलम्ब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
2. बंगाल की हिंसा की जांच NIA द्वारा कराई जाए और दोषियों को अविलम्ब दण्डित किया जाए।
3. बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केन्द्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए।
4. बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल एवं बांग्लादेश की 450 किमी० की सीमा पर फैसिंग वायर लगाने का कार्य अविलम्ब प्रारम्भ किया जाब, जिसे ममता बनर्जी ने अपनी मर्जी से रोका हुआ है।