अल्मोड़ा। जिले में मरीजों को बिना ठोस कारण रेफर किए जाने की बढ़ती शिकायतों पर जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने सख्त रुख अपनाया है। अब ऐसे मामलों पर प्रभावी नियंत्रण और निगरानी के लिए रेफरल मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि कई बार जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, उप-जिला, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से सामान्य मरीजों को भी बिना पर्याप्त जांच और उपचार की संभावनाओं पर विचार किए रेफर कर दिया जाता है। इसे रोकने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से यह समिति बनाई गई है।
समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य चिकित्साधिकारी सदस्य सचिव, प्राचार्य सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज सदस्य, प्रमुख चिकित्साधीक्षक जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा सदस्य, प्रमुख चिकित्साधीक्षक रानीखेत नागरिक चिकित्सालय सदस्य, तथा सभी सीएचसी/पीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी सदस्य होंगे।
यह समिति प्रत्येक माह के द्वितीय बुधवार को दोपहर 12 बजे विभिन्न अस्पतालों से रेफरल मामलों की समीक्षा करेगी। यदि उस दिन अवकाश रहेगा तो समीक्षा अगले दिन की जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सभी अस्पतालों से प्रत्येक रेफर मरीज का पूरा विवरण नाम, पता, मोबाइल नंबर, बीमारी का विवरण,
इलाज की जानकारी, रेफर करने का कारण और चिकित्सक का नाम संकलित कर हर माह के द्वितीय सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें। समीक्षा बैठक के दौरान ये सूचनाएं विस्तार से रखी जाएंगी। साथ ही सीएचसी और पीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को ऑनलाइन माध्यम से बैठक में प्रतिभाग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम ने कहा कि यह व्यवस्था स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और परिणाममुखी बनाएगी ताकि जरूरतमंद मरीजों को जिला स्तर पर ही उचित इलाज मिल सके और अनावश्यक रेफरल की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके।
