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सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. आज 9 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुवात हो गई है. नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा का विधान है. प्रथम दिन यानी आज माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है.मां शैलपुत्री का सुंदर स्वरूपमां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं. वह वृषभ पर सवार होती हैं. वह दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती हैं. मान्यता है कि इनके पूजन से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. इनकी उपासना चंद्रमा के बुरे प्रभाव को दूर करती है.पूजन सामग्री और भोगचैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना होती है. कलश स्थापना के बाद इनका स्मरण करें और इनके पूजन का संकल्प लें. माता शैलपुत्री को श्वेत वस्त्र अतिप्रिय हैं. मां को लाल, श्वेत सहित ऋतु पुष्प जैसे कनेर का फूल अतिप्रिय हैं. मां के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. इनके अलावा धूप, दीप, अक्षत, फल आदि से माता को प्रसन्न किया जा सकता है.