अल्मोड़ा। पर्यटन नगरी रानीखेत और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बंदरों और तेंदुए के बढ़ते आतंक से लोग परेशान हैं। पिछले एक महीने में बंदरों के हमले में 25 से अधिक लोग और बच्चे घायल हो चुके हैं, जिनका स्थानीय अस्पतालों में इलाज कराया गया।

बंदरों के झुंड गलियों और सड़कों पर घूमते हुए राहगीरों और पर्यटकों पर हमला कर रहे हैं। कई बार वे घरों में घुसकर खाने-पीने का सामान और फल-सब्जियां उठा ले जाते हैं, जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। किसानों के लिए यह समस्या और भी गंभीर बन गई है।
बंदरों द्वारा बागवानी और खेतों को नुकसान पहुंचाने से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों के कारण खेती की लागत बढ़ गई है और बीज जुटाना भी कठिन हो गया है। लोगों का कहना है कि सुबह और शाम के समय बंदरों का आतंक इतना बढ़ जाता है,
कि बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर निकलने से डरते हैं। वहीं, पर्यटन स्थलों पर भी बंदरों के झुंड ने पर्यटकों की आवाजाही प्रभावित कर दी है, कई पर्यटक तो बीच रास्ते से ही लौट जाते हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से बंदरों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने और उन्हें आबादी से दूर क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की मांग की है, ताकि लोगों को इस बढ़ती परेशानी से राहत मिल सके।
