उत्तराखंड राज्य से जुडी हुई एक बड़ी खबर सामने आ रही है उत्तराखंड के सरकारी शिक्षकों से आरटीई ऐक्ट की धारा 27 में तय जनगणना, जिसमे अब शिक्षकों से आपदा राहत, बचाव और निर्वाचन संबंधी कामों के आलावा किसी दूसरे काम के लिए नहीं कहा जाएगा। कुछ समय पहले हाल ही में शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सामने इस मसले को रखा था। शिक्षकों का कहना था कि राज्य में वक़्त वक़्त पर शिक्षकों को शिक्षण के अलावा और कोई से काम न लिए जाने के आदेश दिए जाते रहे हैं। लेकिन उनका पालन ठीक से नहीं हो रहा है। हाल में भी ऐसी कुछ जानकारियां सामने आई हैं। शिक्षकों के शिक्षा से न जुड़े कामो में में व्यस्त होने की वजह से स्कूलों में बच्चो की पढ़ाई प्रभावित होती है। शिक्षा का अधिकार ऐक्ट के अनुसार यह नियम विरूद्ध है। इस मामले पर राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली का कहना है कि शिक्षकों को निवार्चन के काम से आपत्ति नहीं है। लेकिन वोटर लिस्ट बनाने के लिए बीएलओ की ड्यूटी लगा दी जाती है। इसमें शिक्षकों के कई दिन जाया हो जाते हैं। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार की गणनाएं, गाहे बेगाहे निकाली जाने वाले जनजागरूकता कार्यक्रम और रैलियों में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। कई अन्य ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनमें शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाती है। इससे स्कूल में पढ़ाई प्रभावित होती है।