13 सितम्बर को स्वामी गौतमानंद जी महाराज, (उपाध्यक्ष, रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ एवं अध्यक्ष रामकृष्ण मठ चेन्नई ) के शुभ आगमन पर रामकृष्ण कुटीर,अल्मोड़ा में स्वागत किया गया I 15 सितंबर को गौतमानंद महाराज, के कर कमलों से पुस्तकालय भवन में लिफ्ट की आधारशिला रखी गई। मंत्रोच्चार के उपरांत स्वामी विवेकानन्द की शिकागो, अमेरिका से लौटने पर और रामकृष्ण मिशन के स्थापना दिवस की 125 वीं वर्षगाँठ के अंतर्गत शिवानन्द हॉल, रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा में सेमिनार का आयोजन किया गया I कार्यक्रम में आगंतुक साधु समुदाय,नागरिक,और विद्यार्थियों का भी स्वागत किया गया अध्यक्ष रामकृष्ण कुटीर,अल्मोड़ा स्वामी ध्रुवेशानंद ने। अपने संबोधन में शिक्षा संकाय, एस एस जे विश्वविद्यालय,प्रो भीमा मनराल ने गौतमानंद जी के जीवन,कृतित्व,और जीवटता से सीख लेने का संकल्प व्यक्त किया। नगरपालिका अध्यक्ष अल्मोड़ा प्रकाश जोशी ने कहा कि मनुष्य के व्यक्तित्व और ज्ञान का आधार चरित्र है । चरित्र से मिला आत्मबल पाने की हम सबको कोशिश करनी चाहिए। जिलाधिकारी अल्मोड़ा, विनीत तोमर ने युवाओं से जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने और उसे पाने के लिए हर त्याग का आग्रह किया।इस दिशा में स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होने की आवश्यकता को जाहिर किया। मुख्य संबोधन और आशीर्वचन स्वामी गौतमानन्द जी महाराज जी ने दिया जिसे मौजूद लोगों ने मंत्रमुग्ध होकर सुना। उन्होंने धर्म को मनुष्य की सेवा के रूप में परिभाषित किया।अपने मधुर आग्रह में उन्होंने जीवन में पांच संकल्प अपनाकर आदर्श स्थापित करने की जरूरत को बताया। ये संकल्प हैं सत्य,पवित्रता,मानवता प्रेम,परमेश्वर में विश्वास और साधना। कार्यक्रम का सफल संचालन किया डा चंद्र प्रकाश फुलोरिया ने। कार्यक्रम में स्वामी ध्रुवेशानंदजी, अध्यक्ष रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा, रामकृष्ण मिशन, स्वामी सुप्रकाशानन्द, सचिव, वृन्दावन, मायावती आश्रम लोहाघाट से स्वामी सुहृदानन्द, स्वामी महाकालानन्द, कनखल आश्रम, हरिद्वार, स्वामी चन्द्रकान्तानन्द, स्वामी सेवात्मानन्द, बेलूर मठ, हावड़ा, सरगाछी आश्रम , स्वामी स्व स्वरूपानन्द, देहरादून आश्रम से, स्वामी पराप्रेमानन्द, स्वामी विश्वमायानन्द, कथाअमृत भवन, स्वामी दीप्तीमयानन्द, हटामुनिगुरा आश्रम, स्वामी नित्याविदानन्द, स्वामी हरीशवरानन्द, स्वामी देव्यानन्द स्वामी अर्पण महाराज सहित दर्जनों भक्तगण और स्कूल कॉलेज की छात्र छात्राएं व शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे I