अल्मोड़ा जिले में स्थित बिनसर अभयारण्य तेंदुए, घुरड़, काला भालू, कांकड़, सिराव सहित अन्य दुर्लभ वन्यजीवों के साथ ही गिद्ध, उल्लू, कोलास, करोली सहित कई पक्षियों का आशियाना है। वनाग्नि ने इस अभयारण्य की प्राकृतिक सुंदरता पर ग्रहण लगाने के साथ ही इन वन्यजीवों और पक्षियों के अस्तित्व पर गहरी चोट की है। यहां मौजूद वन्यजीव अपनी जान बचाने के साथ ही भोजन की तलाश में आबादी का रुख करने लगे हैं। अभयारण्य से सटे गांवों में तेंदुआ सहित अन्य वन्य जीवों की मौजूदगी इसका प्रमाण है। अभयारण्य के नजदीक रानीखेत में नगर के बीचोबीच छावनी परिषद के कार्यालय में नजर आए तेंदुए के यहां पहुंचने के पीछे भी वनाग्नि कारण बताई जा रही है। छावनी परिषद के कार्यालय में रविवार रात एक तेंदुआ सीसीटीवी में कैद हुआ है। वहीं, तीन दिनों तक दिन-रात सुलग रहे अभयारण्य को देखते हुए कई वन्यजीवों का जंगल की आग से अस्तित्व मिटने का भी अनुमान है। वन विभाग भी इस बात से इनकार नहीं कर पा रहा है।