तमिलनाडु के बाद अब मध्य प्रदेश और केरल सरकार ने भी शनिवार को कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले 27 दिनों में एमपी के छिंदवाड़ा जिले में इस सिरप से जुड़ी 11 मासूमों की मौत ने स्वास्थ्य तंत्र को हिला दिया है। सभी मृतक बच्चों की उम्र 1 से 5 साल के बीच थी। जांच में सामने आया कि तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित यूनिट में बने इस सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय मानक से कहीं ज्यादा पाई गई। एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने पुष्टि की कि यही जहरीला तत्व बच्चों की मौत का कारण बना। वहीं राजस्थान में हालात और बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। चूरू जिले का 6 वर्षीय बच्चा डेक्सट्रोमेथोरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप पीने के बाद जयपुर रेफर किया गया, लेकिन जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह इस सिरप से जुड़ी तीसरी मौत थी। इसके अलावा भरतपुर में इसी सिरप से एक बुजुर्ग महिला की तबीयत गंभीर हो गई। राज्य सरकार ने जयपुर स्थित केसंस फार्मा को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। हालांकि, राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दावा किया कि मौतों की वजह सीधे तौर पर सिरप नहीं हैं। लेकिन लगातार सामने आ रही घटनाओं से अभिभावकों और आम जनता में गहरी चिंता व्याप्त है।
