अल्मोड़ा: जल जीवन मिशन योजना के तहत एक ओर करोड़ों खर्च कर हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लोधिया के मल्ली बरसीमी गांव में एक घर में भी पानी का कनेक्शन नहीं लग सका है। मल्ली बरसीमी गांव की 250 से अधिक की आबादी पानी के लिए तरस गई है। ग्रामीणों को प्राकृतिक जल स्रोतों से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।
गधेरों के पानी से भी प्यास बुझानी पड़ती है
ग्रामीण आधे से एक किमी दूर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर लाने को मजबूत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर हैं। गर्मी में परेशानी बढ़ जाती है। भीषण गर्मी में स्रोतों का जलस्तर घटने से उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में उन्हें गधेरों के पानी से भी प्यास बुझानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि वे वर्षों से पेयजल योजना के निर्माण की मांग कर रहे हैं। उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।