अल्मोड़ा : विजयदशमी पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान रावण परिवार के डेढ़ दर्जन से अधिक विशालकाय कलात्मक पुतले खासा आकर्षण का केंद्र रहे। इस दौरान विदेशी पर्यटक भी इस कलाकृति को देखने अल्मोड़ा पहुंचे और इस नजारे को अपने कैमरों पर कैद करते नजर आए।आप को बता दे की कल दोपहर 2 बजे से शिखर तिराहे से सटे पालिका पार्किंग भवन के पास सभी पुतले एकत्रित होने शुरू हुए। शाम पांच बजे तक रावण के साथ ही सभी पुतले वहां एकत्रित हुए। जिसके बाद सभी पुतलों को मुख्य बाजार का भ्रमण कराने के बाद जूलॉजी ग्राउंड ले जाया जाएगा। जहां देर शाम राम डोले में विराजमान भगवान श्रीराम में तीर चलाकर रावण और उसके कुल का अंत किया।सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का दशहरा पर्व देश हीं नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। दशहरे को देखने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। अल्मोड़ा ही एक ऐसा शहर है जहां रावण परिवार के डेढ़ दर्जन से अधिक पुतलों का निर्माण किया जाता है। इस बार रावण परिवार के 17 कलात्मक पुतले बनाए गए। जिसमें रावण, अहिरावण, मेघनाथ, ताड़िका, मयांतक, अतिकाय, मारीच, खर, दूषण, वरत, ध्रुमराक्ष, मायासुर, त्रिसरा, मकरासुर, देवातंक, अक्षय कुमार, कालकेतु आदि पुतले शामिल रहे। इन कलात्मक पुतलों को देखने के लिए इस बार हजारों की तादात में भीड़ उमड़ी। बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग सभी काफी उत्साहित नजर आए। इस दौरान लोगों ने अपने मोबाइल व कैमरों से पुतलों की फोटो खींची। लंकापति रावण और उसके कुनबे के पुतलों के साथ लोगों ने खूब सेल्फी भी ली।और इस पल को अपने कैमरे में कैद किया ।