अल्मोड़ा। 35 वर्ष पूर्व आरंभ हुए ऐतिहासिक “राम ज्योति आंदोलन” की 35वीं वर्षगांठ के अवसर पर धर्म जागरण समन्वय (कुमाऊँ संभाग) की ओर से सोमवार को एक स्थानीय होटल में “राम ज्योति आंदोलन – सम्मान समारोह” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर अजय वर्मा ने की और संचालन प्रोफेसर आराधना शुक्ला ने किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक बंशीधर भगत, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा और पूर्व मेयर जोगेंद्र रौतेला सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और राम स्तोत्र पाठ के साथ हुआ, जिसे पूर्व प्रोफेसर मंजुला बिष्ट ने प्रस्तुत किया। वातावरण भक्ति और राष्ट्रभाव से ओतप्रोत हो उठा। समारोह में 1990 के राम ज्योति आंदोलन में जेल गए तथा योगदान देने वाले रामसेवकों एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। साथ ही आंदोलन के दौरान शहीद एवं दिवंगत कार्यकर्ताओं को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। श्रद्धांजलि प्राप्त करने वालों में पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री पूरन शर्मा, पूर्व विधायक गोविंद सिंह बिष्ट, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रविंद्र पंत, दीनानाथ शाह, मेघश्याम बोरा, हेमचंद्र शाह, कैप्टन जगदीश सनवाल, नंदन सिंह कपकोटी, दीवान सिंह नगरकोटी और विनोद वर्मा शामिल रहे। इस अवसर पर मनोज रावत, जितेंद्र बिष्ट, बंटी बिष्ट, बिपिन भट्ट, संदीप श्रीवास्तव, विजया पंत, हर्षवर्धन साह, कपिल मल्होत्रा, हेमंत रावत, दीपक वर्मा, लता बोहरा, निर्मला जोशी, राधिका जोशी, मनोज वर्मा समेत अनेक आंदोलनकारियों और कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में राम जन्मभूमि आंदोलन की ऐतिहासिक झलकियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें कारसेवकों के साहस, त्याग और राष्ट्र समर्पण को दर्शाया गया। कार्यक्रम के संयोजक पूर्व बजरंग दल विभाग संयोजक राजीव गुरुरानी ने बताया कि 13 अक्टूबर 1990 को अल्मोड़ा में निकली राम ज्योति यात्रा के दौरान पुलिस की गोली चली थी — जो आज़ादी के बाद का पहला ऐसा घटनाक्रम था। उन्होंने कहा “अल्मोड़ा के युवाओं ने विपरीत परिस्थितियों में भी आस्था की ज्योति को बुझने नहीं दिया। यह आंदोलन भक्ति, साहस और राष्ट्र समर्पण का प्रतीक बन गया।”केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि “सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा का एक गौरवशाली अध्याय अल्मोड़ा की धरती पर लिखा गया। करसेवकों की भक्ति और बलिदान ने इतिहास रचा।” वहीं विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि “राम मंदिर निर्माण के बाद अब राष्ट्र निर्माण की बारी है। समाज में हिंदुत्व की रक्षा के लिए जनसंख्या संतुलन और पारिवारिक संस्कारों पर गंभीर मंथन आवश्यक है।” पूर्व सांसद बलराज पासी ने कहा कि “राम मंदिर निर्माण केवल आस्था का नहीं, बल्कि आत्मगौरव का प्रतीक है। हमें आने वाली पीढ़ियों को धर्म, परिवार और राष्ट्रवाद के मूल्यों से जोड़ना होगा।” समारोह में राम ज्योति आंदोलन पर आधारित एक स्मारक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। आयोजन में प्रमुख उपस्थिति ललित लटवाल, रवि रौतेला, रमेश बहुगुणा, प्रकाश पंत, नरेश वर्मा, नवीन पाठक, धर्मेंद्र बिष्ट, दर्शन रावत, गोविंद पिलख्वाल, शैलेंद्र शाह, जगत कंवल, हीरा कनवाल, आनंद कनवाल, मनोज सिंह पवार, दीप जोशी, शंकर जोशी, नीरज थापा, अतुल वर्मा, कमल बिष्ट, सुनील कुमार, प्रकाश भट्ट, अर्जुन चीमा, देवेंद्र भट्ट, कैलाश गुरुरानी, मनोज जोशी, लता बोहरा, गोदावरी चतुर्वेदी, बिना नयाल, दीपा बिष्ट, नेहा उप्रेती, मीरा मिश्रा, तारा भंडारी, मीना भैसोड़ा, सुरेश सुयाल, नंदन सिंह, शंकर सिंह बिष्ट, आशा बिष्ट, श्याम पांडे, दीपक पांडे, गिरीश जोशी, भुवन भास्कर राठौर, पूरन बिष्ट आदि उपस्थित रहे। आयोजक: धर्म जागरण समन्वय (कुमाऊँ संभाग) – अल्मोड़ा, संयोजक: राजीव गुरुरानी व जारीकर्ता: अरविंद जोशी, प्रांत संस्कृति प्रमुख रहे।
