नवरात्रि में मां दुर्गा के चौथे रूप मां कुष्मांडा की पूजा चौथे दिन करने का विधान है। इस दिन सभी लोग विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा करते हैं और भोग मिठाई और फल अर्पित करके आरती करते हैं। मां को भोग में मालपुआ भी बेहद प्रिय है। इसलिए पूजा में मालपुआ भी रखना चाहिए।मां कुष्मांडा 8 भुजाओं वाली दिव्य शक्ति धारण मां परमेश्वरी का रूप हैं। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से आपके सभी अभीष्ट कार्य पूर्ण होते हैं और जिन कार्य में बाधा आती हैं वे भी बिना किसी रुकावट के संपन्न हो जाते हैं। मां कुष्मांडा की पूजा करने से भक्तों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा है मां कुष्मांडा का रूपमां कुष्मांडा का स्वरूप बहुत ही दिव्य और अलौकिक माना गया है। मां कुष्मांडा शेर की सवारी करती हैं और अपनी आठ भुजाओं में दिव्य अस्त्र धारण की हुई हैं। मां कुष्मांडा ने अपनी आठ भुजाओं में कमंडल, कलश, कमल, सुदर्शन चक्र धारण की हुई हैं। मां का यह रूप हमें जीवन शक्ति प्रदान करने वाला माना गया है।