चकराता के विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा में अपने विशेषाधिकार हनन की शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने पीएमजीएसवाई के चीफ को अलग-अलग समय पर 28 बार फोन किए। लेकिन उन्होंने पहले तो फोन नहीं उठाया और जब उठाया भी तो गलत जानकारी दी।उन्होंने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए स्पीकर से मुख्य अभियंता को सदन में बुलाने और उनकी संपत्ति की जांच कराने का अनुरोध किया। शून्यकाल में विधायक प्रीतम सिंह विशेषाधिकार हनन का मामला उठाते हुए कहा कि पीठ से विधायकों के प्रोटोकॉल के संदर्भ में कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं। भाजपा के विधायक खजानदास ने कहा कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए और तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।जिसका राज, अफसर उसकी तरफयशपाल नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में कहा कि राज्य में अफसर बेलगाम हो गए हैं और सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने सदन में कहा कि अफसर किसी के नहीं होते। जिसका राज, उसकी तरफ पलट जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्ट अफसरों को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
उत्तराखंड के अफसर ही नही सभी कर्मचारी भी बहुत पहले से बेलगाम हो चुके हैं,इसका कारण किसी भी पार्टी की सरकार बने,वह वोट बैंक के चक्कर में कर्मचारियों से डरते हैं
आए दिन हड़ताल की धमकी,प्रदर्शन आम बात हो चुकी है। हड़ताल अवधि का वेतन भी दे दिया जाता है भले ही छुट्टी कटती हो जबकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार छुट्टी की कटौती कर ही वेतन नही दिया जाना चाहिए जैसा की केंद्रीय कर्मचारियों के मामले में होता है
किसी भी कार्यालय में बिना रिश्वत दिए काम नहीं होता है भले ही सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती हो