
इस साल जनवरी में सबसे पहले भूधंसाव से प्रभावित हुए जोशीमठ के लोग एकबार फिर चिंता में डूब गए हैं। जोशीमठ के सुनील वार्ड में जमीन में एक बड़ा गड्ढा बन गया। जैसे ही यह जानकारी सामने आई लोगों की चिंता बढ़ गई। गड्डा होने की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जोशीमठ के तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि टीम के पहुंचने से पहले ही आपदा प्रभावित लोगों गड्ढे वाली जगह को मिट्टी से भर दिया था। इस घटना से आपदा प्रभावित बारिश के सीजन में मकानों की दरारें और बढ़ने को लेकर भी डरे हुए हैं।
तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि मौके का निरीक्षण करने वाली टीम में अभियंता भी शामिल हैं जो इसकी निगरानी कर रहे हैं। जोशीमठ वासियों के हितों के लिए संघर्ष कर रही जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि उस इलाके में पहले से ही गड्ढे थे जो संभवतः अब और बड़े हो गए होंगे। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी जुटायी जा रही है।
संघर्ष समिति के संरक्षक अतुल सती ने कहा कि हम लगातार वैज्ञानिकों द्वारा तैयार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं ताकि लोगों को पता चल सके कि वे जहां रह रहे हैं। वह जगह सुरक्षित है या नहीं। सरकार रिपोर्ट को क्यों छिपा रही है, यह बात समझ से परे है। इस वर्ष की शुरुआत में भूसाव से जोशीमठ में 868 भवनों में दरारें आई थीं जिनमें से 181 भवनों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया गया था। असुरक्षित घोषित भवनों से अन्य स्थानों पर पहुंचाए गए करीब 60 परिवार आज भी शिविरों में ही रह रहे हैं।