उत्तराखंड: प्रदेश में अभी एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में हैं। इसका संचालन रक्षा मंत्रालय की ओर से किया जाता है। अब चमोली और चंपावत में सैनिक स्कूल बनाने की तैयारी चल रही है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि चमोली और चंपावत में सैनिक स्कूल प्रस्तावित किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय से इसकी मंजूरी के बाद पीपीपी मोड में इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा।
स्कूल निर्माण की लागत बहुत अधिक
बता दें कि रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल के नाम पर 10 करोड़ खर्च करने के बाद इसका प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है। कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम श्रीनगर की ओर से इस स्कूल के लिए 284 करोड़ 96 लाख का प्राक्कलन तैयार कर इसे शासन को भेजा गया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है स्कूल निर्माण की लागत बहुत अधिक है।
बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च धनराशि
रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में वर्ष 2015-16 में सैनिक स्कूल के निर्माण पर सहमति बनी थी, लेकिन स्कूल निर्माण को लेकर मामला काफी समय तक शिक्षा विभाग और सैनिक कल्याण विभाग की खींचतान में फंसा रहा। इस बीच सैनिक कल्याण एवं मंडी परिषद से 10 करोड़ रुपये इस स्कूल के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिए गए थे, लेकिन यूपी निर्माण निगम ने यह धनराशि बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च कर दी। पिछले साल 30 अगस्त 2022 को अधूरे पड़े सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का जिम्मा सैनिक कल्याण विभाग से शिक्षा विभाग को सौंपा गया।