अल्मोड़ाः डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन का आंदोलन निदेशालय स्तर की चार मांगों के निस्तारण का आश्वासन मिलने के बाद एक महीने के लिए स्थगित किया गया है। फार्मासिस्टों ने एक महीने के भीतर कार्रवाई न होने पर दोबारा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
निम्न मांगों के निस्तारण के लिए चला आंदोलन
बता दें कि फार्मासिस्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के अधीन वीआईपी ड्यूटी, यात्रा मार्ग, मेलों आदि के दृष्टिगत रखे गए 63 पदों को यथाशीघ्र क्रियाशील करने, बीते 22 सालों से लंबित फार्मासिस्ट संवर्ग की संशोधित अराजपत्रिक व राजपत्रिक सेवा नियमावली को शीघ्र प्रख्यापित करने, फार्मासिस्ट संवर्ग के पद धारकों के पदनाम परिवर्तन यानी फार्मासिस्ट को फार्मेसी अधिकारी शामिल करने, चीफ फार्मासिस्ट को मुख्य फार्मेसी अधिकारी, प्रभारी अधिकारी फार्मेसी को जिला फार्मेसी अधिकारी और उप निदेशक फार्मेसी को संयुक्त निदेशक फार्मेसी किए जाने के लिए शासन स्तर पर परिणामी कार्रवाई किए जाने की मांग भी है। पोस्टमार्टम भत्ता चिकित्सक और स्वच्छक के पोस्टमार्टम भत्ते में वृद्धि, फार्मासिस्ट संवर्ग को अनुमन्य पोस्टमार्टम भत्ता पारिश्रमिक की विसंगतियों को दूर करने और फार्मासिस्ट को 300 रुपए पोस्टमार्टम भत्ता अनुमन्य किए जाने से निर्धारित प्रारूप पर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
आंदोलन एक महीने के लिए स्थगित
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के जिलाध्यक्ष डीके जोशी ने बताया कि महानिदेशक स्तर पर लंबित समस्याओं के समाधान के लिए स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक को एक हफ्ते के भीतर संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनका निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार के आश्वासन के बाद फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन को एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद संवर्ग के सभी फार्मासिस्ट शनिवार से सामान्य रूप से काम करने लगे हैं।