उत्तराखंड राज्य से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहां राज्य के करीब सवा लाख पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को अब जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए बार बार कोषागारों के चक्कर नहीं काटने पड़ा करेंगे। अब आप घर पर बैठे ही ऑनलाइन डिजिटल प्रमाणपत्र जनरेट कर सकेंगे और यह प्रमाण पत्र स्वतः ही एकीकृत वित्त प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से कोषागार पहुंच जाएगा। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के संबंध में अफसरों को पत्र जारी कर दिया है। जीवन प्रमाणपत्र की चालू व्यवस्था के साथ-साथ विकल्प के रूप ई-जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था भी लागू की गई है। जीवन प्रमाणपत्र जमा होने के बाद एसएफटीपी सर्वर के माध्यम से आईएफएमएस सर्वर को उपलब्ध हो जाएगा। उपलब्ध डाटा के आधार पर वित्तीय डाटा सेंटर से कोषागार स्तर पर एक एमआईएस रिपोर्ट होगी। एमआईएस रिपोर्ट के आधार पर पेंशनरों के प्रमाणपत्र स्वीकृत या अस्वीकृत होंगे। जिसकी सूचना एसएमएस के माध्य पेंशनर को मिल जाएगी।