उत्तराखंड: कमिश्नर गढ़वाल को केदारनाथ गर्भगृह में सोना मढ़ने के मामले में चल रहे विवाद और अफवाहों पटाक्षेप के मामले की जांच सौंप दी गई है। पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आस्था से जुड़े मामले पर विवाद करके विपक्षी दल उसे बेवजह तूल दे रहे हैं।
जांच कमेटी में एक सुनार भी होगा शामिल
सतपाल महाराज ने बताया कि गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। जांच कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ ही एक सुनार को भी शामिल किया जाएगा। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति ली गई थी। साथ ही गर्भगृह में सोना मढ़ने का काम भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख-रेख में किया गया था। फिर भी जांच में अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक लाभ के लिए इस मामले को उछाला जा रहा
सतपाल महाराज ने बताया कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान लिया है। दानदाता ने अपने स्तर से ज्वेलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं। फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं। सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर मढ़ने तक का पूरा काम दानदाता ने ही कराया। मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। इसके बाद भी राजनीतिक लाभ के लिए इस मामले को उछाला जा रहा है।