भारत और नेपाल के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने और के लिए जून माह में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत यात्रा पर आए थे। तो उन्हीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झूलाघाट में और दूसरा शिरशा पर मोटर पुलों के निर्माण को लेकर चर्चा की थी। जिसको लेकर पीएम मोदी ने प्रचंड को मोटर पुलों के निर्माण के लिए आश्वस्त किया था। की इस कड़ी में विदेश मंत्रालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आपको बता दे की केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने इन के निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सचिव लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पांडेय को इस बारे में पत्र भेजकर सूचना दी है। राज्य सरकार दोनों मोटर पुलों की डीपीआर के लिए थर्ड पार्टी निविदा आमंत्रित करेगी। ये दोनों पुल उत्तराखंड सीमा पर बनेंगे। और इन दोनों पुलों के बनाने का पूरा खर्च विदेश मंत्रालय वहन करेगा। इनमें पहला पुल भारत-नेपाल सीमा पर झूलाघाट में और दूसरा शिरशा में बनेगा। वर्तमान में मौजूद झूलाघाट पुल पिथौरागढ़ से करीब 38 किमी फासले पर है। काली नदी पर बना यह एक छोटा पुल है। उत्तराखंड और नेपाल के लोग इस पुल के जरिये साइकिल या मोटरसाइकिल से एक-दूसरे की सीमा में प्रवेश करते हैं। इन दोनों पुलों के बनने से व्यापार में तेजी आएगी और दोनों तरफ के लोगों का फायदा होगा। दोनों मोटर पुलों के निर्माण से नेपाल और भारत के बीच व्यापारिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी। स्थानीय लोगों के आजीविका साधन बढ़ेंगे।