उत्तराखंड राज्य से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहां राज्यभर में अब सरकारी नौकरी और दाखिलों से लेकर अन्य सरकारी काम करवाने तक अब आपको स्थायी निवास प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं पड़ेगी। यदि आपके पास उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाणपत्र है तो आपको स्थायी निवास प्रमाणपत्र देने की बाध्यता नहीं है। आपको बता दे की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस संबंध में सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने आदेश जारी किए। आदेश के मुताबिक, अब कोई विभाग मूल निवास प्रमाणपत्र धारकों से स्थायी निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं कर पाएंगे। बता दें कि स्थायी निवास की बाध्यता के विरोध में राज्य के युवा और संस्कृतिकर्मी मुखर हैं। इस मुद्दे पर 24 दिसंबर को मूल निवास स्वाभिमान महारैली होने जा रही है। जिसमे लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी समेत कई संस्कृतिकर्मियों ने लोगों से हिस्सा लेने का आह्वान किया है। इस बीच प्रकरण संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग से ब्योरा तलब किया। सीएम के निर्देश पर विभाग की ओर से स्पष्टीकरण जारी हुआ।