उत्तराखंड शिक्षा विभाग में महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सेटिंग के बल पर कई सालों तक सुगम में एक ही जगह पर डटे हुए शिक्षकों को लेकर और शिक्षकों और शिक्षा विभाग में नेतागिरी करने वाले कर्मचारी जो आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हैं के लिए दो महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं।
4 साल पूरे होने की स्थिति में सुगम क्षेत्र के ही दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा
उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने कड़ा रूख अपनाते हुए ऐसे शिक्षक जो स्थानांतरण अधिनियम की कुछ खास धाराओं के कारण दुर्गम क्षेत्रों में स्थानांतरित नहीं किए गए। इसके कारण शिक्षा विभाग में ही तैनाती को लेकर परेशानियां खड़ी हो गई है। ऐसे मामले में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों को दुर्गम में स्थानांतरण से छूट दी गई है, जिसके कारण यह शिक्षक और कर्मचारी कई सालों से एक ही जगह पर जमे हुए है। ऐसे में अब ऐसे कर्मचारियों को एक जगह पर 4 साल पूरे होने की स्थिति में सुगम क्षेत्र के ही दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं, पद रिक्त न होने की स्थिति में कर्मचारियों को पारस्परिक रूप से भी स्थानांतरित किया जा सकता है। यही नहीं आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो भी प्रवक्ता सहायक अध्यापक व कर्मचारी विभिन्न संस्थाओं में कई सालों से कार्यरत है और उनका नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है, ऐसे शिक्षक यह कर्मचारियों को 4 साल से अधिक समय तक एक ही जगह पर कार्यरत होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा और इन्हें एससीईआरटी या डायट में तैनाती नहीं दी जाएगी। साथ ही ऐसे शिक्षक यदि पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है तो उन्हें पात्रता सूची में सम्मिलित किए जाने की कार्रवाही सुनिश्चित की जाएगी।
कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत होगी कार्यवाही
शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी दूसरे आदेश के अनुसार शिक्षकों और विभाग में नेतागिरी करने वाले ऐसे कर्मचारियों को लेकर है, जो सोशल मीडिया पर बयान बाजी करते हैं। इस आदेश में भी स्पष्ट किया गया है कि जिस तरह से खुले रूप में शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे हैं, उससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होती है। लिहाजा ऐसे किसी भी बयान पर पूरी तरह से रोक लगाई जाती है। इसके बावजूद भी यदि कोई शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर बयान बाजी करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्यवाही की जाएगी।