उत्तराखंड राज्य में 13 ऐसी झीलें चिह्नित की गई थीं, जिन पर खतरा बना हुआ है। इनमे से चमोली और पिथौरागढ़ की पांच झीलें ऐसी है जिन पर खतरा मंडरा रहा है। जो कभी भी तबाही का सबब बन सकती है। इन झीलों को पंचर करने के लिए अगले महीने जुलाई में विशेषज्ञ रवाना होंगे। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।केंद्र व राज्य सरकार मिलकर इनसे सुरक्षा की दिशा में काम कर रही है।डॉ.सिन्हा ने बताया कि इन झीलों को वैज्ञानिक तरीके से पंचर किया जाएगा, ताकि आपदा का खतरा न हो। लगातार पिघल रहे ग्लेशियरों की वजह से इन झीलों का जल स्तर बढ़ रहा है।