उत्तराखंड राज्य में आज दिनांक 27 फरवरी मंगलवार को राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित विधान भवन में प्रदेश वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल ने वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में कुल 88597.11 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहां –
अपने उद्बोधन में वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहां कि यह बजट अग्रणी प्रदेश की अवधारणा पर आधारित है। ‘अग्रणी उत्तराखंड’ की हमारी अवधारणा परंपरा व प्रौद्योगिकी के और आधुनिक अवसंरचना व प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए सभी प्रदेशवासियों का और सभी क्षेत्रों का विकास करना है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारा प्रयास गाँव और शहर, पहाड़ और मैदान, स्त्री व पुरूष, युवा व बुजुर्ग, किसान और उद्यमी सबको बेहतरी के अवसर प्रदान करने का है।
उन्होंने कहा कि विकास का यह मॉडल इकोनॉमी, इकोलॉजी, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एवं एकाउंटिबिलिटी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारी मंजिल सशक्त उत्तराखण्ड है। ‘अग्रणी उत्तराखंड’ हमारी सरकार का विकल्प रहित संकल्प है। वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें कुल प्राप्तियां अठ्ठ्ठासी हजार पांच सौ सत्तानवे करोड़ ग्यारह लाख रुपए (88597.11 करोड़) अनुमानित हैं,
जिसमें साठ हजार पांच सौ बावन करोड़ नब्बे लाख रुपए (60552.90 करोड़) राजस्व प्राप्तियां तथा अठ्ठाइस हजार चौवालिस करोड़ एक्कीस लाख रुपए (28044.21 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियां हैं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व छत्तीस हजार एक सौ छियालिस करोड़ सैंतालिस लाख रुपए (36146.47 करोड़) है, जिसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश तेरह हजार छ: सौ सैंत्तीस करोड़ पन्द्रह लाख रुपये (36037.15 करोड़) सम्मिलित है।
उन्होंने बताया कि राज्य के स्वयं के स्रोतों के कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति सत्ताईस हजार तीन सौ बयासी करोड़ सत्तर लाख रुपए (27382.70 करोड़) में कर राजस्व बाइस हजार पांच सौ नौ करोड़ बत्तीस लाख रुपए (22509.32 करोड़) तथा करेत्तर राजस्व चार हजार आठ सौ तिहत्तर करोड़ अड़तीस लाख रुपए (4873.38 करोड़) अनुमानित है।
वित्त मंत्री ने बजट में व्यय संबंधित जानकारी देते हुए बताया-
-वर्ष 2024-25 में ऋणों के प्रतिदान (अर्थोपाय अग्रिम सहित) पर उन्नीस हजार एक सौ छत्तीस करोड़ तिरपन लाख रुपए(19136.53 करोड़)
– ब्याज की अदायगी के रूप में छ: हजार छ: सौ छत्तीस करोड़ चौवालिस लाख रुपए (6636.44 करोड़)
– राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग सत्रह हजार एक सौ चौरासी करोड़ नवासी लाख रुपए (17184.89 करोड़)
– सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में लगभग एक हजार तीन सौ पांच करोड़ एकहत्तर लाख रुपए (1305.71 करोड़)
– पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में आठ हजार एक सौ पैंतालिस करोड़ पचास लाख रुपए (8145.50 करोड़) व्यय अनुमानित है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया-
वर्ष 2024-25 में कुल व्यय नवासी हजार दो सौ तीस करोड़ सात लाख रुपए (89230.07 करोड़) अनुमानित है। कुल अनुमानित व्यय में से पचपन हजार आठ सौ पन्द्रह करोड़ सतहत्तर लाख रुपए (55815.77 करोड़) राजस्व लेखे का व्यय है। तेंतीस हजार चार सौ चौदह करोड़ तीस लाख रुपए (33414.30 करोड़) पूंजी लेखे का व्यय है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है बल्कि चार हजार सात सौ सैंतीस करोड़ तेरह लाख रुपए (4737.13 करोड़) का
राजस्व सरप्लस सम्भावित है एवं नौ हजार चार सौ सोलह करोड़ तैतालिस लाख रुपए (9416.43 करोड़) का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो कि सकल राज्य घेरलू उत्पाद का 2.38 प्रतिशत है। यह एफआरबीएम एक्ट में निर्दिष्ट सीमा के अन्तर्गत है। उन्होंने वर्ष 2024-25 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष छ: करोड़ सोलह लाख रुपए (6.16 करोड़) धनात्मक तथा वर्ष का अन्तिम शेष तिहत्तर करोड़ बीस लाख रुपए (73.20 करोड़) धनात्मक रहना अनुमानित है।