उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में भू- क़ानून सहित अन्य मुद्दों को लेकर आज रविवार 24 दिसंबर को उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया है। इस महारैली में कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन परेड ग्राउंड में जुटेंगे। यह रैली देहरादून के परेड ग्राउंड से निकलकर कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर सभा में तबदील होने के बाद समाप्त की जाएगी। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि हम सरकार की इस पहल और सक्रियता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व उत्तराखंड की आम जनता कर रही है। इसलिए इस आंदोलन से संबंधित कोई भी फैसला आम जनता के बीच से ही निकलेगा। उन्होंने कहा महारैली तय तारीख और तय समय पर ही होगी। उन्होंने बताया कि रैली को तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से अपना समर्थन दिया है।
संघर्ष समिति की प्रमुख मांगें-
•- उत्तराखंड राज्य में ठोस भू कानून लागू किया जाए।
•- राज्य के शहरी इलाकों में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू की जाए।
•- राज्य के ग्रामीण इलाकों में भूमि की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए।
•- राज्य में गैर कृषक की तरफ से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगाई जाए।
•- राज्य के पर्वतीय इलाकों में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगाई जाए।
•- राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
•- प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
•- ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।