अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घपले में उत्तराखंड के 12 संस्थान रडार पर आ गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यक निदेशालय को इसकी जानकारी दी गई है। इनमें बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। ये संस्थान देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, टिहरी, नैनीताल जिले के हैं कुछ संस्थानों की छात्रवृत्तियां स्टेट से रिजेक्ट होने के बाद भी अप्रूव होने से किसी बड़े गिरोह की आशंका जताई जा रही है।जल्द सीबीआई की टीम उत्तराखंड पहुंच सकती है। घपला सामने आने पर उत्तराखंड में 694 अल्पसंख्यक संस्थानों एवं मदरसों से सत्र 2022-23 में छात्रवृत्ति को आवेदन करने वाले 12820 छात्र-छात्राओं का आधार बायोमेट्रिक सत्यापन शुरू कर दिया गया है।निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनोमिक्स रिसर्च से पांच जिलों में 20 संदिग्ध संस्थानों की जांच कराई थी, जिसमें 60 फीसदी में भारी फर्जीवाड़ा पाया गया है। निदेशालय को भी जांच के संबंध में नवंबर 2022 में पत्र मिला था।चार स्तर पर सत्यापन अल्पसंख्यक निदेशालय के मुताबिक प्रदेश, जिले, संस्थान एवं छात्रों के स्तर पर बॉयोमेट्रिक सत्यापन होना है। एसएनओ, डीएनओ के अलावा 602 एचओआई एवं 569 आईएनओ का सत्यापन हो गया है। 12820 में से 662 छात्रों का सत्यापन हुआ है। बता दें कि देश में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपों पर सीबीआई कार्रवाई की तैयारी कर रही है।सीबीआई मामले में पूछताछ कर सकती है। छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की जांच अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सीबीआई को सौंपी है। फर्जी संस्थान और फर्जी छात्रों के नाम पर 144 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है।