उत्तराखंड विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पर्व पर प्रातः आठ बजकर तीस मिनट पर शीतकाल के छह माह के लिए बंद कर दिये गए है जिसके बाद बाबा केदार छः माह के लिए समाधि में लीन हो जाएंगे. आज सुबह छः बजे गर्भगृह के कपाट बंद करने के बाद पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया.बीते शनिवार को बाबा केदार की चांदी की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया और पंचमुखी उत्सव मूर्ति को पुजारी शिवशंकर लिंग ने स्नान कराया. मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया गया. इसी डोली में बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी.