उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 की जाएगी। विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से इस मामले में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों के कुल 1255 पद स्वीकृत हैं। लेकिन इसकी तुलना में राज्य के अस्पतालों में 500 के करीब ही स्पेशलिस्ट तैनात हैं। जबकि 700 से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं। इस वजह से राज्यभर में आम लोगों को इलाज में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।खासकर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए वैसे तो सरकार मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटों को बढ़ाकर पूरा करना चाहती है। लेकिन इसमें अभी कुछ साल लगने की उम्मीद है। ऐसे में फिलहाल विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में अब स्वास्थ्य महानिदेशालय के स्तर पर प्रस्ताव तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, ‘विशेषज्ञ डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 60 से 65 करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। हालांकि इसे स्वैच्छिक रखा जाएगा जो विशेषज्ञ डॉक्टर 65 साल तक नौकरी करना चाहेंगे उनकी ही रिटायरमेंट उम्र 65 साल होगी।’