नैनीताल: सरकार की ओर से 2021 की नियमावली में संशोधन कर बीएड को हटाने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य में करीब 250 एलटी कला विषय के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने माना है कि एलटी कला शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए बीएड अनिवार्य योग्यता है।
नए नियमों में बीएड की योग्यता को हटाया गया था
बता दें कि 2021 की नियमावली में संशोधन कर बीएड को हटाने के मामले में सुयालबाड़ी, जिला नैनीताल निवासी तारा राम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि 2020 में सहायक शिक्षक एलटी पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था एवं पद विज्ञापन में पात्रता एनसीटीई विनियम, 2014 के अनुसार अनिवार्य रूप से बीएड निर्धारित की गई थी। अनिवार्य योग्यता के रूप में विज्ञापन के बाद राज्य सरकार ने 25 फरवरी 2021 को नए नियम प्रकाशित किए। नए नियमों में बीएड की योग्यता को हटाया गया था। इसको याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि सरकार की ओर से 2021 की नियमावली में संशोधन कर बीएड को हटाना एनसीटीई के प्रावधानों के विपरीत हैं।
राज्य के 2021 के नियम एनसीटीई के लिए तय प्रावधान के विरुद्ध
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने माना है कि राज्य के 2021 के नियम एनसीटीई के लिए तय प्रावधान के विरुद्ध हैं, इस आधार पर विनियम को रद कर दिया गया। कोर्ट ने आयोग को कला शिक्षक के इन पदों के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने और जल्द चयन पूरा करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें बीएड सहायक शिक्षक एलटी पद के लिए एक आवश्यक योग्यता के रूप में रहेगा। याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया गया है।