हरिद्वार लोकसभा सीट पर किसी संत को टिकट दिए जाने की मांग उठने के बीच जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी सक्रिय हो गए हैं। यतींद्रानंद का कहना है कि पार्टी (भाजपा) उनसे इस बार पूछेगी तो वे लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। यतींद्रानंद का दावा है कि वर्ष 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को टिकट मिला था।पतद्रानंद गिरी ने कहा कि इस बार वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। बकौल यतींद्रानंद आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी कहेगी तो पहले की तरह मना नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए, जो सभी से आसानी से मिल सके हरकी पैड़ी पर सोमवार को यूसीसी के संबंध में संतों के उपवास के दौरान भी हरिद्वार सीट से किसी संत को टिकट देने की मांग उठी।बीते तीन माह से संतों की बैठकों में लगातार यह मुद्दा उठ रहा है। सूत्रों के अनुसार, अंदरखाने संतों की मांग पर आरएसएसऔर विश्व हिन्दू परिषद भी विचार कर रहा है क्योंकि हरिद्वार सीट दोनों के लिए महत्वपूर्ण रही है।2009 में मिला था टिकटवर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में यतींद्रानंद गिरी को अचानक टिकट दिया गया था। उस समय पूर्व मंत्री मदन कौशिक का लोकसभा का टिकट लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन अंतिम समय पर अचानक उनका टिकट काट दिया गया था। कौशिक को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी दावेदार माना जा रहा है। वर्तमान में इस सीट से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं। वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। निशंक समर्थक उन्हें हरिद्वार सीट से टिकट का स्वाभाविक दावेदार मानते हैं।तब 1.27 लाख वोट से हार गए थे चुनाव वर्ष 2009 में भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़े यतींद्रानंद गिरी को 1.27 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था । यतींद्रानंद गिरी को कुल 2,04,823 वोट मिले थे। वहीं उस समय जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस से प्रत्याशी रहे हरीश रावत को 3,32,235 वोट मिले थे । बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शहजाद को 1.81 लाख वोट मिले थे