रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि देश के सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए भारतीय सैनिक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री के इस बयान पर पाकिस्तान तिलमिला उठा है। उसने कहा है कि ऐसी बयानबाजी दोनों देशों के बीच शांति समझौते के लिए खतरा है।
आपको बता दें कि बुधवार को 24वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम देश के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। अगर इसके लिए एलओसी पार करना हुए तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। अगर हमें उकसाया गया और जरूरत पड़ी तो हम एलओसी पार कर जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था। उस समय भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा था। “
पाकिस्तान की गीदड़ भभकी राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी आक्रामकता के खिलाफ अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। बयान में कहा गया, “हम भारत को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, क्योंकि उसकी आक्रामक बयानबाजी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। साथ ही दक्षिण एशिया में रणनीतिक माहौल को अस्थिर करने में योगदान देती है।” पाकिस्तान ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भारत के राजनीतिक नेताओं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की है।
कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं। भारत द्वारा 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को रद्द करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए। भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी