
पिथौरागढ़ कैंपस में 12 संकायों में प्राध्यापकों के 23 पद खाली पड़े हुए है जिसकी वजह से हैं पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगस्त 2020 मे पिथौरागढ़ महाविद्यालय को कैंपस बनाने की घोषणा की गयी थी। जिसके बाद पिछले साल से एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के मानकों के अनुसार सेमेस्टर की तर्ज पर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू करवाते हुए हर तीसरे महीने में छात्र-छात्राओं को परीक्षाएं संपन्न करवाई जा रही है। आपको बता दे की यहाँ कैंपस बनने के बाद से सिर्फ 35 प्राध्यापक विभिन्न विषयों की पढ़ाई करा रहे हैं। महाविद्यालय से कैंपस में समायोजन के लिए एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा ने मार्च 2023 में आवेदन मांगे थे। इसमें से अधिकतर प्राध्यापकों ने राजकीय महाविद्यालय में रहना बेहतर समझा। वर्तमान में कैंपस में 35 प्राध्यापक हैं जिन्हें करीब सात हजार छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के साथ ही विभागीय कार्य और अन्य दायित्व भी निभाने पड़ रहे हैं। कैंपस में अर्थशास्त्र मे 3 पद, जंतु विज्ञान मे तीन पद, गणित मे तीन पद, अंग्रेजी मे तीन पद, समाजशास्त्र मे दो पद, मनोविज्ञान मे दो पद, सैन्य विज्ञान मे दो पद, गृहविज्ञान मे दो पद, शिक्षाशास्त्र मे एक पद, भूगर्भ विज्ञान मे एक पद, वाणिज्य मे एक पद और बीएड में एक पद यानि प्राध्यापकों के 23 पद खाली चल रहे हैं। पद खाली होने के कारण विभाग में कार्यरत प्राध्यापकों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ कैंपस के निदेशक डॉ. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि खाली पदों का ब्योरा कुलपति को भेज दिया गया है। एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के स्तर से कार्यवाही होनी है।