रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना को और मजबूत करने के लिए नया मिसाइल सिस्टम और रडार्स खरीदने की तैयारी कर रहा है। आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम और स्वाति वेपन लोकेटिंग रडार्स के लिए 9100 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। आकाश मिसाइल भारत के घातक हथियारों में से एक है। यह एक सेकेंड में सवा किलोमीटर की उड़ान भरने की क्षमता रखती है, यानी इसकी गति 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा है। जबकि स्वाति वेपन लोकेटिंग रडार्स सीमा पार दुश्मन के हथियारों का पता करते हैं।
चीन से हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख में भी था तैनात
आकाश प्राइम मिसाइल 720 किलोग्राम वजन की है। इसकी लंबाई 19 फीट है। व्यास 1.16 फीट है। इसके आगे के हिस्से में 60 किलोग्राम वजन का वॉरहेड लगाया जाता है। यह विस्फोटक हाई-एक्सप्लोसिव और फ्रैगमेंटेशन इस्तेमाल होता है। फिलहाल इसके तीन वैरिएंट्स मौजूद हैं।आकाश मिसाइल के पुराने संस्करण को चीन से हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख में भी तैनात किया गया था। इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है।