चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार को लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा।
उपछाया चंद्रग्रहण
बता दें कि यह एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा। जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी की उपछाया में से गुजरता है तो चंद्रमा की कांति मलिन हो जाती है। हालांकि इसका कोई भाग ग्रसित नहीं होता। ऐसी स्थिति को उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। उपछाया को ग्रहण की संज्ञा नहीं दी जाती है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इस वजह से ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखाई देगा।