चारधाम यात्रा: चारधाम यात्रा में अब तक 5 लाख से भी अधिक श्रृद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं। वहीं केदारधाम की यात्रा को शुरू हुए 16 दिन का समय हो गया है। इन 16 दिनों में यात्रा मार्ग पर सेवा दे रहे 16 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है। 2022 की यात्रा की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है। प्रशासन और पशुपालन विभाग इस बार यात्रा में पशुओं के लिए काफी व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, अब तक नियमों के खिलाफ काम करने वाले 100 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया गया है, जबकि तीन के खिलाफ पशु क्रूरता-रोधी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पैदल मार्ग के 18 स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था
केदारनाथ धाम की यात्रा में प्रथम चरण में रुद्रप्रयाग जनपद के घोड़े-खच्चर संचालकों को ही अनुमति मिली थी, लेकिन विरोध के बाद अब चमोली व टिहरी जनपद के जिलों के घोड़े-खच्चर संचालकों को भी धाम तक जाने की स्वीकृति मिल गई है। इस बार घोड़े खच्चरों पर निगरानी रखने के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स, सात पशु चिकित्सक एवं सात पैरावेट (सहायक) की तैनाती की गई है। इसके अलावा पैदल मार्ग के 18 स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। अभी तक 8,320 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है, जबकि 441 घोड़े-खच्चर अनफिट पाए गए हैं, जिन्हें वापस भेजा गया है। वहीं, नियम विरुद्ध चलने वाले 100 संचालकों के चालान और तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।