जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत 142.86 करोड़ लोगों के साथ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के लिए चीन से आगे निकल गया है।
भारत और चीन की जनसंख्या में 29 लाख का अंतर
यूएनएफपीए की द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन (142.86 करोड़) तक पहुंच गई है, जबकि चीन की 1,425.7 मिलियन (142.57 करोड़) है। यानि कि 2.9 मिलियन (29 लाख) का अंतर है। संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में ही भारत के सबसे अधिक आबादी वाले देश बनने का अनुमान लगाया था। इसके अलावा, यूएनएफपीए की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 आयु वर्ग की है, 18 प्रतिशत 10-19 वर्ष की आयु की, 26 प्रतिशत 10-24 आयु वर्ग की। लगभग 68 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग में हैं, जबकि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत हैं। चीन जीवन प्रत्याशा के मामले में भारत से बेहतर कर रहा है, जो महिलाओं के मामले में 82 और पुरुषों के मामले में 76 साल है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए यह आंकड़ा 74 और 71 है।
भारत और चीन की तुलना करना काफी कठिन
यूएनएफपीए के मीडिया सलाहकार अन्ना जेफरीज ने अपने बयान में बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि भारत ने चीन को कब पीछे छोड़ा है। जेफरीज ने कहा, दरअसल दोनों देश की तुलना करना काफी कठिन है। क्योंकि दोनों देशों के डाटा कलेक्शन में थोड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में यह साफ है कि चीन की आबादी पिछले साल अपने चरम पर पहुंच गई और अब इसमें गिरावट आने लगी है। वहीं भारत की आबादी फिलहाल बढ़ रही है। हालांकि भारत की आबादी के ग्रोथ रेट में भी 1980 के बाद से गिरावट देखी जा रही है। इसका मतलब यह है कि भारत की आबादी बढ़ रही है लेकिन इसकी दर पहले के मुकाबले अब कम हो गई है।