हिमालय पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा। वैज्ञानिकों की मानें तो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिमालय के ग्लेशियर दुनिया के अन्य ग्लेशियरों की तुलना में तेजी से पिघलकर अपना क्षेत्रफल और द्रव्यमान खो रहे हैं। यदि ऐसे ही हालात रहे तो 21वीं सदी के अंत तक हिमालय के ग्लेशियर 60 फीसदी कम हो जाएंगे। यह रिपोर्ट एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के भू-विज्ञान विभाग के साथ ही कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के अध्ययन में सामने आई है। इस शोध को लंदन की जर्नल ऑफ ग्लेशियोलाॅजी में प्रकाशित किया गया है।