आज हम आपके लिए चकुंदर के फयदे लेकर आये है लाल चुकंदर का वैज्ञानिक नाम बीटा वल्गेरिस है जो की एक जड़ वाली सब्जी है। यह हमारे शरीर को कई फायदे पहुँचती हैं चुकंदर दुनिया भर के बहुत से देशों में उगाया जाता है और साथ ही साथ इसका मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में रंग के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। चुकंदर (बीटरूट) ऐसे कई एक्टिव कंपाउंड से भरपूर है जिनसे हमारी सेहत को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। इसके रोज़ इस्तेमाल से आपके चेरे पर ग्लो और आपका रंग साफ़ करने में आपकी मदद करता है
चुकंदर (बीटरूट) के पोषक तत्व और न्यूट्रिशनल वैल्यू
पोषक तत्व न्यूट्रिशनल वैल्यू
एनर्जी 43 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट 9.56 ग्राम
प्रोटीन 1.61 ग्राम
फाइबर 2.8 ग्राम
राइबोफ्लेविन 0.04 मिलीग्राम
फोलेट 109 μ ग्राम
विटामिन B-6 0.067 मिलीग्राम
थायमिन 0.031 मिलीग्राम
कुल फैट 0.17 ग्राम
कैल्शियम 16 मिलीग्राम
आयरन 0.8 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 23 मिलीग्राम
सोडियम 40 मिलीग्राम
पोटैशियम 325 मिलीग्राम
फ़ास्फ़रोस 40 मिलीग्राम
विटामिन C 4.9 मिलीग्राम
चुकंदर (बीटरूट) के गुण:
फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक्स, बेटासायनिन, बीटानिन और बीटानिडीन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स की वजह से चुकंदर में कई गुण होते हैं। नीचे चुकंदर के संभावित गुण बताए गए हैं:
यह आपके वजन को सही रखने में मदद करता है
यह लिपिड कम करने में आपकी मदद कर करता है
यह कैंसर को होने से रोकने में मदद कर सकता है
यह ब्लड ग्लूकोज़ कम करने में मदद कर सकता है
यह ब्लड प्रेशर कम करने में मदद कर सकता है
इसमें एंटी कैंसर गुण हो सकते हैं
चुकंदर (बीटरूट) के संभावित उपयोग:
दिल के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
दिमाग के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
इंफ्लेमेशन के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
ऑक्सीडेटिव नुकसान के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
कैंसर के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
एथलीटों के लिए चुकंदर के संभावित उपयोग
चुकंदर (बीटरूट) के साइड इफेक्ट :
चुकंदर (बीटरूट) को नियमित डाइट का हिस्सा माना जाता है। हालांकि, इससे जुड़े कुछ साइड इफेक्ट भी बताए गए हैं: जो लोग चुकंदर (बीटरूट) खाते हैं उनको लाल या गुलाबी रंग का पेशाब आ सकता है और वे इससे घबरा सकते हैं; चिंता न करें, ऐसा उन कंपाउंड के कारण है जो चुकंदर (बीटरूट) को ख़ास रंग देते हैं। यह खून नहीं है। कई लोगों को चुकंदर (बीटरूट) खाने के बाद स्किन एलर्जी की शिकायत होती है। अगर आपको चुकंदर (बीटरूट) का इस्तेमाल करने के बाद इनमें से किसी भी साइड इफेक्ट या एलर्जी का अनुभव होता है, तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
चुकंदर (बीटरूट) का इस्तेमाल करते समय सावधानियां
आपको चुकंदर (बीटरूट) का इस्तेमाल करते समय यहां बताई जा रही सावधानियां रखनी चाहिए गर्भावस्था के दौरान चुकंदर (बीटरूट) खाया जा सकता है। लेकिन सभी खाद्य पदार्थों की तरह, चुकंदर (बीटरूट) को भी कम मात्रा में खाना चाहिए। अगर आप स्तनपान कराने वाली महिला हैं तो चुकंदर (बीटरूट) खाने से शिशु में नाइट्रेट विषाक्तता नहीं होती है। बच्चा सुरक्षित है क्योंकि चुकंदर का नाइट्रेट कंटेंट स्तन के दूध में ज्यादा मात्रा में नहीं जाता है। चुकंदर (बीटरूट) में नाइट्रेट कंटेंट काफी ज़्यादा होता है और अगर इसे सीधा शिशुओं को दिया जाए तो यह नाइट्रेट विषाक्तता का कारण बन सकता है। तीन महीने या उससे कम उम्र के बच्चों को चुकंदर (बीटरूट) नहीं देना चाहिए। सेहत पर किसी भी किसी प्रभाव के लिए चुकंदर (बीटरूट) का इस्तेमाल करने से पहले, अपने डॉक्टर या फिजिशियन से उन सावधानियों के बारे में बात करें जिन्हें आपको चुकंदर (बीटरूट) का इस्तेमाल करते समय बरतने की आवश्यकता हो सकती है। अपने डॉक्टर से परामर्श करने से आपको बेहतर विकल्प चुनने और अपनी सेहत पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से बचने में मदद मिलेगी।