हर साल दशहरा मोहत्सव पर रामलीला मैदान में दशकों से रावण और उसके परिवार मेघनाद और कुंभकरण के पुतले को जलते आए है। इन पुतलो को बहेड़ी के 70 वर्षीय शंभू बाबा लंबे समय से बना रहे हैं। वह बताते हैं कि एक दशक पहले रावण के पुतले की कीमत 16 हजार रुपये थी जो अब बढ़कर 40 हजार तक पहुंच गई है। एक साल में ही लागत में 10 हजार का इजाफा हो गया है। शंभू बाबा ने बताया कि दादा ने पुतले बनाना पिता को सिखाया था। पिता से मिले हुनर को सहेजते हुए 14 साल की उम्र से ही पुतला बनाने के काम शुरू कर दिया था। रावण, मेघनाद और कुंभकरण के अलावा हाथी, घोड़े, मूर्ति आदि तैयार करने का काम भी सीखा। आपको बता दे की पिछले महीने 29 सितंबर को हल्द्वानी रामलीला मैदान पहुंचकर रावण का पुतला बनाने का काम शुरू किया गया। बताया कि इस साल रावण का पुतला बनाने की कीमत 40 हजार आ रही है जो पिछले साल 30 हजार थी। मेघनाद और कुंभकरण के पुतले की कीमत पिछले साल 25 हजार थी जो अब 35 हजार तक पहुंच गई है।