राज्यपाल गुरमीत सिंह एक दिवसीय दौरे पर अल्मोड़ा पहुंचे। राज्यपाल गुरमीत सिंह सपरिवार मंदिर भ्रमण में निकले हैं। नैनीताल जिले के कैंची धाम के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह चितई मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने सपरिवार पूजा अर्चना की। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि चितई मंदिर में मनोतियां और प्रार्थना स्वीकार होती है।
मानसखंड और कुमाऊं रीजन में अलौकिक आस्था
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड को देवभूमि और तपोभूमि बताते हुए कहा की मानसखंड और कुमाऊं रीजन में अलौकिक आस्था अपने आप में गहरी है। दिल में इच्छा है कि इस स्थान को पूरे टूरिस्ट सर्किट में लाया जाए। यहां के नागरिक का प्यार, अतिथि देवो भव: अलग है। आस्था, पर्यटन, और एडवेंचर के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में मानस खंड सर्किट में आ रहे हैं। देवभूमि और तपोभूमि में आस्था और पर्यटकों को देखते हुए मानस खंड में सड़क, रोपवे सहित इंफ्रास्ट्रक्चर पर सिस्टमैटिक तरीके से काम होना चाहिए।
मानस खंड के अल्मोड़ा हिल में प्रभु का आशीर्वाद कुछ अलग ही
राजपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि नैनीताल जिले के कैंची धाम दर्शन के बाद उन्हें चितई और जागेश्वर धाम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। चितई मंदिर में पूजा करने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि “सच कहूं तो गुरु महाराज का न्याय, स्नेह और प्यार महसूस होता है। जिस विश्वास के साथ श्रद्धालु यहां घंटियां और एप्लीकेशन देते हैं, यह आस्था का बहुत बड़ा दर्शन है। राज्यपाल ने कहा की मानस खंड के अल्मोड़ा हिल में प्रभु का आशीर्वाद कुछ अलग ही है।