विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को 20 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित कर दिया। ऐसे में उन्हें कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है। दिल्ली में ऐसे सबसे अधिक आठ संस्थान हैं। यूजीसी के इस कदम का उद्देश्य छात्रों को गैर-मान्यता प्राप्त और धोखाधड़ी वाले संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने के जाल में फंसने से बचाना है। छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए नामांकन से पहले विश्वविद्यालयों की मान्यता को सत्यापित करना महत्वपूर्ण हैयूजीसी सचिव मनीष जोशी ने बताया कि आयोग के संज्ञानमें आया है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की गई डिग्री न तो मान्यता प्राप्त होगी और न ही उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य से मान्य होगी। उन्होंने कहा कि ये विश्वविद्यालय नहीं हैं और इन्हें कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार है।उन्होंने इन फर्जी विश्वविद्यालयों की एक सूची जारी करते हुए बताया कि दिल्ली में ऐसे आठ संस्थान हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में चार, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दो-दो ऐसे विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र औरपुडुचेरी के एक-एक विश्वविद्यालय को इसमें शामिल किया गया है।फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान -भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान • विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन कर्नाटकनई दिल्ली• अखिल भारतीय सार्वजनिक-कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेडसंयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय• व्यावसायिक विश्वविद्यालय • एडीआर सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटीउत्तर प्रदेशगांधी हिन्दी विद्यापीठ-नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी • नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालयभारतीय शिक्षा परिषदआंध्र प्रदेश• क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी • बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडियापश्चिम बंगाल- इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्चकेरल- बदगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी•सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटीमहाराष्ट्र -राजा अरबी यूनिवर्सिटीपुडुचेरी श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन