उत्तराखंड में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में कुछ दिनों में दोगुना इजाफा हो गया है। इसके कारण आई फ्लू की दवाओं की खपत भी बढ़ गई है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। लोगों को आई फ्लू से बचाव और लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए। सभी अस्पताल प्रशासन को अपने पास दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। नेत्र रोग विशेषज्ञों ने आई फ्लू को लेकर विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी।फिलहाल रुड़की में दवाओं की कमी का संकट शुरू हो गया है। दून में आई फ्लू से आईड्रॉप की खपत बढ़ी है। दून अस्पताल में सामान्य दिनों में जहां रोजाना 20 से 25 ड्रॉप की खपत थी, अब यह करीब दो हफ्ते में 150 तक पहुंच गई है। वहीं निजी मेडिकल स्टोरों में 50 फीसदी तक खपत बढ़ी है। दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक आई ड्रॉप्स का स्टॉक पर्याप्त है।टिहरी, पौड़ी में भी मरीजों में इजाफा जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या 25 से 30 के करीब है। दस दिन पहले प्रतिदिन 10 से 15 मरीज ही आ रहे थे। पौड़ी के सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि पर्याप्त दवाएं हैं। जिला अस्पताल बौराड़ी टिहरी में हर दिन 60 से 65 मरीज पहुंच रहे हैं। दस दिन पहले 30 के करीब मरीज आ रहे थे। आई स्पेशलिस्ट डा विनय ड्यूडी ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं।हल्द्वानी में 30 प्रतिशत बड़े मरीज हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल और बेस अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों में 20 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एक हफ्ते पहले 20 से 30 लोग आई फ्लू के इलाज को पहुंच रहे थे। अब संख्या 50 हो गई है।आई फ्लू के लक्षणआंखें लाल हो जाती हैं, आंखों में सूजन आ जाती है। आंखों में खुजली होती है। आंखों में पीले रंग का पीप आता है और आंखों की पलक आपस में चिपक जाती है। बच्चों को आई फ्लू के साथ बुखार भी आ सकता है।कंजक्टिवाइटिस का इलाज दून मेडिकल कॉलेज के एसो. प्रो. डॉ. सुशील ओझा ने बताया कि आंखों की सफाई को साफ रुमाल का इस्तेमाल करें। आंखों को बार-बार न छुएं और खुजली होने पर मसलें नहीं। काले चश्मे का इस्तेमाल करें। कांटेक्ट लैंस का प्रयोग न करें।