उत्तराखंड के बेटे हितेश ने एक बार फिर से वर्ल्ड हाईएस्ट हिमालयन खारदुंगला चैलेंज की जीत अपने नाम दर्ज करा कर इतिहास रच दिया है। चमोली के दूरस्थ क्षेत्र देवाल के देवस्थली गांव के रहने वाले हितेश ने दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन रेस खारदुंगला को 10 घंटे 40 मिनट में पूरा किया है। जबकि दौड़ के लिए दूसरे सभी प्रतिभागियों को लगभग 12 से 13 घंटे लगे। हितेश बताते हैं कि दौड़ सुबह 3 बजे शुरू हुई, जिस समय तापमान एक डिग्री था. जैसे-जैसे धावक ऊपर चढ़ाई पर चढ़ते गए तापमान शून्य से भी नीचे गिरता रहा। साथ ही बताते हैं कि इतनी ऊंचाई में सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है, क्योंकि यहां ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होता है। जिससे कई प्रतिभागी दौड़ पूरी न कर सके. खारदुंगला चैलेंज 72 किमी दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन है. यह दौड़ उन धावकों के लिए सबसे कठिन और अंतिम चुनौतीपूर्ण दौड़ में से एक है, जो अपनी सीमाओं को चरम तक ले जाना चाहते हैं। रेस की कठोर परिस्थितियां इसे बेहद कठिन बनाती हैं। क्योंकि लगभग 60 किमी की दौड़ 4000 मीटर (14,000 फीट) से ऊपर दौड़ी जाती है. जिस कारण इस दौड़ में भाग लेने वाले अधिकतम प्रतिभागियों की संख्या 200 तक ही सीमित है।