टिहरी। पहाड़ों में भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर आ गई। नदी का जलस्तर इतना बढ़ा कि श्रीनगर बांध की झील से रविवार सुबह करीब 3000 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। इसका असर देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक दिखा। देवप्रयाग में जहां अलकनंदा खतरे के निशान के पार बहने लगी, वहीं हरिद्वार में गंगा ने चेतावनी का निशान पार कर दिया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया गया।
रविवार को श्रीनगर गढ़वाल में अलकनंदा का जलस्तर चेतावनी के निशान से ऊपर रहा। श्रीनगर बांध परियोजना से पानी छोड़ने से देवप्रयाग में अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान 463.20 मीटर से ऊपर पहुंच गया। भागीरथी और अलकनंदा के संगम के बाद गंगा भी दोपहर तक खतरे के निशान के करीब पहुंच गई।
देवप्रयाग में कई घाट जलमग्न हो गए। तहसीलदार मानवेंद्र सिंह बर्त्वाल ने बताया कि खतरे को देखते हुए पुलिस और नगरपालिका के माध्यम से लोगों को नदी किनारे जाने से रोका गया। अलकनंदा में उफान के कारण ऋषिकेश में गंगा चेतावनी निशान 339.50 को छूकर बहने लगी। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान को पार कर गया। हरिद्वार में शाम सात बजे गंगा का जलस्तर 293.15 एमएम
श्रीनगर डैम से पानी छोड़ने के बाद केंद्रीय जल आयोग ने ऋषिकेश, हरिद्वार समेत अन्य प्रभावित क्षेत्र के लिए अलर्ट जारी कर दिया। ऋषिकेश के तटीय इलाकों में मुनादी कराई गई। लोगों को तटीय इलाकों में नहीं जाने दिया गया। हरिद्वार में भी प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया। लक्सर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन की ओर से मुनादी कराकर लोगों को गंगा के नजदीक नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है। सोलानी तटबंध टूटने से लक्सर नगर और 33 गांव बाढ़ प्रभावित हैं।
बैराज का गेट टूटा
भीमगोड़ा बैराज से गंगा में अधिक जल की निकासी होने के कारण बैराज के एक गेट से जुड़ा लोहे का रस्सा टूट गया। यूपी सिंचाई विभाग के जेई हरीश ने बताया कि गेट का लोहे का रस्सा टूटने से गेट बीच में तिरछा होकर अटक गया है। गेट से जल की निकासी हो रही है। गंगा का जलस्तर कम होने पर गेट की मरम्मत कराई जाएगी। बैराज पर जल निकासी के 22 गेट स्थापित है। गंगा के जल नियंत्रण में गेट के कारण कोई परेशानी नहीं होगी।