नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म कर दिया है. अब पांचवी और आठवीं क्लास के छात्रों के लिए ‘‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति” को खत्म कर दिया है. नए नियमों के तहत अब पांचवीं और आठवीं के छात्र क्लास में फेल होते हैं तो उन्हें अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा. वर्ष 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) में संशोधन के बाद, कम से कम 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए ‘‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति” को खत्म कर दिया है. छात्र को स्कूल से नहीं किया जाएगा निष्कासित राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, नियमित परीक्षा के आयोजन के बाद यदि कोई बच्चा समय-समय पर अधिसूचित पदोन्नति मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे परिणाम की घोषणा की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा.साथ ही कहा गया है कि यदि पुनः परीक्षा में बैठने वाला छात्र पदोन्नति (अगली कक्षा में जाने की अर्हता) के मानदंडों को पूरा करने में असफल रहता है तो उसे पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही रोक दिया जाएगा.हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा.